PhD Synopsis: Definition, Meaning and Content. शोध प्रारूप क्‍या होता है? पी.एच.डी. में सिनोप्सिस क्या होता है? How many pages in a PhD synopsis? Writing a Synopsis. PhD Synopsis.

आप फिल्मों में यह जरूर देखे होंगे कि कोई प्रेमिका अपने प्रेमी को पत्र लिखती है। उस पत्र को पढ़ने के दौरान पत्र में प्रेमिका को प्रेमी का चेहरा नजर आने लगता है।

सिनॉप्सिस भी पीएचडी के लिए यहीं काम करता है।

सिनॉप्सिस को हिन्‍दी में शोध प्रारूप कहते हैं।

भारतीय उच्च शिक्षा के नियम के अनुसार कम से कम 3 साल या अधिकतम 5 साल की अवधि पीएचडी के लिए निर्धारित है। इस अवधि में आप क्या करेंगे? उसका पूरा का पूरा रोडमैप शोध प्रारूप में होता है। रिसर्च करने से पहले हमें रिसर्च के सभी मुख्‍य कीवर्ड और उसका मूल उद्देश्य समझना जरूरी है।

इसे एक और उदाहरण से समझते हैं।

जैसे कोई लंबी दूरी का फोर लाइन या हाईवे बनता है तो सबसे पहले उसका एक नक्शा बनाया जाता है। अब तो 3D नक्‍शा बनता है। हाईवे पर कितना पुल होगा? कितने पाया होंगे? वह कितना ऊंचा होगा? कितनी-कितनी दूरी पर यात्री सेट होगा? कहां-कहां पर मोड होगा? पूरा हाईवे किस-किस गांव से गुजरेगा? शहर के किस-किस क्षेत्र से होकर गुजरेगा? इत्यादि हाईवे का रोडमैप/ब्लूप्रिंट/नक्शा देखकर ही पता चल जाता है।

बिल्कुल यही काम पीएचडी के लिए एक सिनॉप्सिस करता है।

आपके थीसिस में कितने अध्याय होंगे? प्रत्येक अध्याय में क्या-क्या लिखा जाएगा? पहला अध्याय का शीर्षक क्या होगा? दूसरा अध्याय का शीर्षक क्या होगा? तीसरा अध्याय का शीर्षक क्या होगा? डाटा कैसे कलेक्ट किया जाएगा? किस प्रकार का डाटा कलेक्ट किया जाएगा? उस डाटा की समीक्षा कैसे होगी? इत्यादि सारी की सारी जानकारी सिनॉप्सिस में होता है।

रिसर्च के फील्ड में सिनॉप्सिस का बहुत महत्व है। पीएचडी में होने वाले शोध कार्य का stege by stage विवरण है।

पीएचडी कैंडिडेट अपने रिसर्च के अवधि में क्या-क्या करने वाला है? उसी का सारांश सिनॉप्सिस में होता है। इसमें शोध का उद्देश्य यानी Research Objectives एवं शोध परिकल्पना यानी hypothesis भी होता है।

जिस प्रकार से प्रेमी का पत्र पढ़कर प्रेमिका उसके हाल-चाल, दशा और स्थिति समझ जाती है उसी प्रकार पीएचडी सिनॉप्सिस के आधार पर यूनिवर्सिटी या डिपार्टमेंट की Departmental Research Committee (DRC) रिसर्चर के शोध कार्य की गंभीरता, महत्व और प्रासंगिकता समझ जाती है।

सिनॉप्सिस रिसर्चर के द्वारा यूनिवर्सिटी या डिपार्टमेंट को दिया गया एक प्रस्ताव होता है।

सिनॉप्सिस के गुणवत्ता के आधार पर ही डिपार्टमेंटल रिसर्च कमेटी उसे स्वीकृत या अस्वीकृत करती है।

सिनॉप्सिस के मुख्‍य बिंदु।। Main Point of Synopsis  

एक सिनॉप्‍सिस के मुख्‍य 9 अंग होते हैं। एक सिनॉप्सिस में ये 9 बिन्‍दू होना ही चाहिए।

1. शोध शीर्षक।। Title of the Research

इसमें रिसर्चर अपने रिसर्च कांसेप्ट को कम से कम शब्दों में लिखना है। सामान्यतः 5 से10 शब्दों में। इतना में अगर आप अपने शोध के टाइटल को लिख पाते हैं तो बहुत अच्‍छा। कहा जाता है जो अपने रिसर्च को कम से कम शब्‍दों में बता दे वहीं अपने रिसर्च टॉपिक को अच्‍छे से समझा है।

2. विषय प्रवेश।। Introduction

इसमें रिसर्चर रिसर्च के लिए चुने गए विषय का परिचय कराता है। रिसर्च अवधि में वह किन समस्याओं का हल ढूंढने की कोशिश करेगा? और कैसे करेगा? उन समस्याओं को विस्तार से बताता है। उसकी गंभीरता को बताता है। समाधान करने के तरीके भी बताता है।

यहां पर रिसर्चर Research Questions यानी रिसर्च में जिन समस्याओं का हल देने वाला है। उसकी गंभीरता को तथ्य और तर्क के साथ विस्तार से रखता है। डिपार्टमेंटल रिसर्च कमेटी को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करता है कि इस टॉपिक पर रिसर्च करना अत्यंत आवश्यक है।

3. साहित्य समीक्षा।। Literature Review

इसमें रिसर्चर रिसर्च के लिए जिस विषय का चयन करता है, उसके ऊपर भारतीय एवं विदेशी विद्वानों द्वारा अब तक के किए गए रिसर्च को संक्षेप में बताता है। यहां लगभग 8 या 10 ऐसे रिसर्च पेपर एवं बुक्स (दोनों की संख्‍या मिलाकर 8 या 10) का जिक्र करता है जो मुख्य रूप से उसके द्वारा चुने गए रिसर्च टॉपिक पर लिखे गए हैं। अंत में रिसर्चर यह दिखाता है कि ये किताबें या रिसर्च पेपर जो इस विषय पर लिखी गई हैं। वे बहुत सारी समस्याओं का समाधान बताती हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी प्रश्न है। समस्याएं हैं। जिसका हल इन पुस्तकों/रिसर्च पेपर में नहीं है।

बस जो नहीं है उसी का पता लगाना तो एक रिसर्चर का काम है। मैं उन्हीं प्रश्नों या समस्याओं के समाधान के लिए रिसर्च करना चाहता हूं।

4. शोध प्रश्न।। Research Problems, Research Questions

न्यूटन का नाम अवश्य सुने होंगे। और एप्पल के बारे में तो सभी लोग जानते हैं। न्यूटन विश्व के महानतम वैज्ञानिकों में से एक थे। उनके रिसर्च क्वेश्चन या शोध प्रश्न क्या था? उनका शोध प्रश्न था कि कोई भी वस्तु जब ऊपर फेंकते हैं तो नीचे क्यों आता है? रिसर्च करके वे इस प्रश्न का हल ढूंढे। और Law of Gravitation का सिद्धांत दिया।

आपको भी अपने फील्ड में ऐसे ही प्रश्नों की सूची बनानी है और उसका हल ढूंढना है।

जिन पुस्तकों का रिसर्चर चयन करता है, वे पुस्तकें उसके द्वारा चुने गए रिसर्च टॉपिक पर सबसे महत्वपूर्ण और सबसे विश्‍वसनीय पुस्तकें होती हैं। पढ़कर पता लगाता है कि किन-किन बातों का इन पुस्तकों में जिक्र नहीं है। उन बातों को शोध प्रश्न यानी Research Problems के रूप में लिखता है। आमतौर पर, एक चैप्टर के लिए एक रिसर्च क्वेश्चन खोजना पड़ता है। अगर आपके पीएचडी थीसिस में पांच चैप्टर है तो आपको पांच रिसर्च क्वेश्चन ढूंढना पड़ेगा।

वैसे पीएचडी थीसिस जिसमें कम से कम 5 चैप्टर हो, अच्छा माना जाता है। कुछ रिसर्चर 4 चैप्टर में ही थीसिस जमा कर देते हैं लेकिन यह वैश्विक दृष्टिकोण से अच्छा नहीं माना जाता।

Research Question को दो और नामों से भी जाना जाता है वह है: (1) Problem of statement (2) Problem statement

5. शोध उद्देश्य।। Research Objectives

रिसर्च करके जो परिणाम आएंगे। उससे आपके सब्‍जेक्‍ट को या विद्यार्थी इत्‍यादि‍ को क्या-क्या फायदा होगा। उसी को यहां पर पॉइंट वाइज लिखना होता है। आमतौर पर जितने रिसर्च क्वेश्चन होते हैं। उतना ही ऑब्जेक्टिव या शोध उद्देश्य होता हैं।

6. शोध प्रविधि।। Research Methodology

कैसे बनी कैसे बनी? फुलौरी बिना चटनी कैसे बनी? उसी प्रकार से, कैसे होगा? कैसे होगा? यह रिसर्च कैसे होगा? इसी का जबाब यहां देता है रिसर्चर।

 रिसर्च के विभिन्न स्तरों पर कार्य कैसे होगा? इसे यहां बताता है। जैसे कि डाटा कैसे कलेक्ट करेगा? फील्ड में जाकर कलेक्ट करेगा या इंटरव्यू लेकर कलेक्ट करेगा? या किताबें पढ़कर कलेक्ट करेगा? या किताबें पढ़कर और इंटरव्यू लेकर करेगा? किस प्रकार से करेगा? रिसर्चर यहां पर बताता है कि संदर्भ ग्रंथ सूची (Reference) बनाने के लिए APA स्टाइल का प्रयोग करेगा या अन्य कोई दूसरा स्टाइल का प्रयोग करेगा?

7. शोध परिकल्‍पाना।। Hypothesis

जो प्रश्‍न रिसर्चर खोजता है, उनका एक काल्‍पनिक जबाब भी वह सोचता है। हर सवाल का एक जबाब या एक से अधिक काल्पनिक जबाब सोचकर लिखता है। जैसे आपकी चाभी खो गई। तो उसे कैसे खाजते हैं? उसके के लिए अनुमान लगाकर या कल्‍पना कर एक उत्तर मान लेते हैं कि मैं सुबह में टहलने गई थी तो पार्क में गिरा होगा। फिर वहां पर ढ़ूढ़ने जाते हैं। अगर चाभी वहां नहीं मिला तो सोचते हैं कि बच्‍चे मेरे रूम में आये थे, हो सकता है कि वे ले गये होंगे। तो उन बच्‍चों से  पूछते हैं। इस प्रकार, कल्‍पना के आधार पर आप तब तक करते हैं जब तक कि चाभी न मिल जाती।

रिसर्चर भी ऐसा ही काल्‍पन‍िक उत्तर सोचता है। फिर उसकी सत्‍यता की जांच करता है। कुछ काल्‍पनिक उत्‍तर गलत भी होते हैं। जो उत्तर से वह संतुष्‍ट होता है। जांच करने पर सही पाया जाता है। उसे ही शोध प्रश्‍न का सही उत्तर मान लेता है। वहीं उसका रिसर्च होता है।

8. अध्याय विवरण।।  Schemes of Chapters

इस हेडिंग में रिसर्चर पीएचडी थीसिस में कितने अध्याय होंगे? उनका टाइटल क्या होगा? अध्याय में किन-किन टॉपिक को डिस्कस किया जाएगा? ये सारी बातें बताता है। प्रत्येक अध्याय का हेडिंग और उसे अध्याय में डिस्कस किए जाने वाले टॉपिक यहां बताया जाता है।

9. संदर्भ ग्रंथ सूची।। References

सिनॉप्सिस का सबसे अंतिम भाग होता है:- संदर्भ ग्रंथ सूची।

रिसर्चर सिनॉप्सिस तैयार करने में जिन-जिन पुस्तक का प्रयोग किया है। रिसर्च पेपर, ऑफिशि‍यल वेबसाइट, गवर्नमेंट के वेबसाइट, ऑनलाइन पत्रिकाएं, शोधगंगा, गूगल स्कॉलर इत्यादि जहां कहीं से भी वह डाटा लिया है। उन सभी का जिक्र इस सूची बनता है।

सूची तैयार करने के लिए वैसे तो कई स्‍टाइल हैं। परन्‍तु सबसे पोपुलर है: APA Style

What are the 5 references in APA format?

अगर वह APA Style में संदर्भ ग्रंथ सूची बनते हैं, तो जान लें कि इसके पांच भाग होते हैं।

  1. सबसे पहले ऑथर का नाम होता है।
  2. फिर वह रिसर्च पेपर या पुस्‍तक किस वर्ष में छापा है वह वर्ष।  
  3. इसके बाद रिसर्च पेपर या बुक का टाइटल होता है। टाइटल इटैलिक में होता है।
  4. इसके बाद पब्लिकेशन का नाम होता है।
  5. और अंत में वह पुस्तक या रिसर्च पेपर अगर हार्ड कॉपी में छपा है, तो किस जगह से छापा है उस जगह का नाम। यानी प्रकाशन स्‍थान। और अगर सॉफ्ट कॉपी है तो उसका लिंक यानि URL Link देना पड़ता है।

जैसे मैं एक पुस्‍तक लिखा: रिसर्च रथ नाम से । सन 2024 में। वाराणसी में । वर्डप्रेस से प्रकाशन कराया। उसे APA Style में कैसे लिखेंगे।

ऑथर का टाइटल पहले लिखते हैं।  

सिंह, कुमार ह‍िमांशु. (2024). रिसर्च रथ. वर्डप्रेस: वाराणसी.

अगर ऑन लाइन प्रकाशिन कराया तो सिर्फ प्रकाशन स्‍थान नहीं देंगे। नीचे लिंक दे देंगे।

सिंह, कुमार ह‍िमांशु. (2024). रिसर्च रथ. वर्डप्रेस

https://researchrath.in/

सिनॉप्सि‍स में कितना पेज होता है?  How many pages is a PhD synopsis?

शोध विषय के अनुसार पेज का संख्‍या बदलता रहता है। सामान्‍य रूप से सिनॉप्सिस में 7 से 15 पेज का होता है। अगर आप 7 पेज का भी बनाते हैं तो भी स्‍वीकार होगा। पेज से अध‍िक महत्‍वपूर्ण होता है कि आप सभी आवश्‍यक टॉपिक इसमें ले रहे हैं या नहीं। और किनता अच्‍छा से उसे लिख रहे हैं।

इस ब्लॉग में आप सिनॉप्सिस के बारे में एक सामान्य जानकारी हासिल कि‍ये। अब इसके विभिन्न भागों के बारे में और विस्तार से दूसरे ब्लॉग में बताउंगा।

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