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Peer Review Journal क्या होता है? What is Peer Review Journal?
एकेडमिक की भाषा में एक्सपर्ट को Peer भी कहते हैं। एक्सपर्ट के द्वारा समीक्षा किये जाने वाले जर्नल को ही Peer Review Journal कहते हैं।
ये वैसे जर्नल होते हैं जिसमें रिसर्च पेपर या आर्टिकल का प्रकाशन से पहले विषय विशेषज्ञ द्वारा peer review करायी जाती है। इसमें छपने के लिए पेपर को कई बार सुधार की भी आवश्यकता पड़ती है।
एक्सपर्ट के टीम के निर्णय के बाद ही पेपर/आर्टिकल का प्रकाशन हो पाता है।
Peer Review Journal का महत्व।। Importance of Peer Review Journal
यहां शोध पत्र (रिसर्च पेपर) का कई पहलुओं से समीक्षा करने के बाद प्रकाशन होता है। निष्कर्ष की गुणवत्ता उच्च कोटि की होती है। विश्वसनीयता भी अधिक हो जाती है। इसके साथ उसकी वैधता भी अधिक रहती है।
इस प्रकार, इन जर्नल में छपे लेख की विश्वसनीयता, वैधता एवं गुणवत्ता उच्च होता है। शोध क्षेत्र में इन तीनों बिंदुओं – विश्वसनीयता, वैधता और गुणवत्ता – को उच्च स्तर का बनाए रखने में इनका बहुत महत्व होता है।
Peer Review Journal की प्रक्रिया।। Process of Peer Review Journal
रिसर्च पेपर छापने से पहले उस टॉपिक के विशेषज्ञ के पास उसकी समीक्षा के लिए भेज देते हैं। एक्सपर्ट इस पेपर की कई बिंदुओं से समीक्षा करता है। सबसे पहले देखता है कि रिसर्च पेपर में कही गई बातें शोधार्थी का मौलिक सोच है या विचार कहीं से चुरा लिया गया है।
इसके बाद तय करता है कि अगर बातें मौलिक हैं तो इसके तथ्य एवं तर्क क्या है? रिसर्च मेथाडोलॉजी के अनुसार आंकड़ों का संग्रह किया गया है या नहीं? आंकड़ों की गुणवत्ता उच्च कोटि की है या नहीं? इसके बाद एक्सपर्ट इस बात की भी समीक्षा करता है कि आंकड़े के अनुसार निष्कर्ष निकाला गया है कि नहीं? इसके साथ-साथ रिसर्चर के पूर्वाग्रह या पक्षपात की भी समीक्षा करता है।
यह भी जांचता है कि पेपर की भाषा ‘‘टारगेट ऑडियंस’’ की बौद्धिक क्षमता के अनुसार है या नहीं। टारगेट ऑडियं उसे कहते हैं जिसका संबंध इस पेपर के टॉपिक से है। अगर शोधार्थी को ध्यान में रखकर लिखा गया है तो इसका टारगेट ऑडियंस शोधार्थी होंगे।
रिसर्च पेपर की भाषा सुस्पष्ट, त्रुटिरहित और सारगर्भित है या नहीं, इस बात की भी समीक्षा एक्सपोर्ट करता है।
Peer Review Journal का रिसर्च में महत्व।। Importance of Peer Review Journal in Research
ऐसे जर्नल का रिसर्च में बहुत महत्व है। उच्च गुणवत्ता को बनाए रखने में ये बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। पेपर की गुणवत्ता उच्चतम कोटी की हो, उसमें मौलिक बातों का समावेश हो, इसके साथ-साथ निष्कर्ष किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह या पक्षपात से पूर्णत: रहित हो – इन मानदण्डों को बनाये रखने में इनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है।
ये रिसर्चर को एक ऐसा स्थान देते हैं, जहां वह अपनी नई मौलिक सोच को अपने ऑडियंस से साझा करता है।
इनमें पेपर छपने पर रिसर्चर की लोकप्रियता और विश्वसनीयता बढ़ जाती है। इस प्रकार शोधार्थी के एकेडेमिक करियर के विकास में भी ये बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं।
Peer Review Journal का रिसर्चर के लिए लाभ।। Benefit of Peer Review Journal for Researcher
एक्सपर्ट से रिसर्चर को सुझाव एवं टिप्पणियां प्राप्त होते हैं क्योंकि ये पेपर छापने से पहले एक्सपर्ट से समीक्षा कराते हैं। जिससे रिसर्चर को अपनी मौलिक सोच का विकास करने में, तर्क क्षमता को और प्रखर बनाने में, चिंतन की दिशा को सही करने में अत्यंत मदद मिलता है। इससे शोध में दक्षता हासिल करने का राह आसान हो जाता है।
रिसर्चर के लिए लोकप्रिय होने, किसी शैक्षणिक संस्थान में पद लेने, परमानेंट जॉब लेने, रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग लेने तथा प्रमोशन लेने में इन जर्नल में छपे पेपर का बहुत बड़ी भूमिका होती है।
Peer Review Journal संबंधित मुख्य सुझाव।। Peer Review Journal Tips
- रिसर्चर को अपने विषय से संबंधित अधिक से अधिक Peer Review Journal के बारे में जानकरी होनी चाहिए।
- शोधार्थी को Peer Review Journal की एक समृद्ध सूची बनानी चाहिए।
- इनके प्रकाशन की अवधि मासिक है, त्रैमासिक मासिक है, अर्ध वार्षिक है या वार्षिक है आदि बिन्दू भी नोट करना चाहिए।
- इनके वेबसाइट पर जाकर नियमित रूप से अध्ययन करना चाहिए।
- रिजेक्ट होने से बिना डरे यहां रिसर्च पेपर भेजना चाहिए।
- पेपर भेजने से पहले जर्नल की ‘‘ऑथर गाइड लाइन’’ एवं ‘‘सबमिशन गाइडलाइन’’ ध्यान से पढ़ना चाहिए।
- रिसर्च पेपर भेजने से पहले उसे अच्छी प्रकार से त्रुटिरहित बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
- एक्सपर्ट के द्वारा दिए गए सुझावों को मानते हुए पेपर में सुधार कर पुन: भेजना चाहिए।