Magazine. पत्रिकाएं क्यों महत्वपूर्ण हैं? Why are magazines important in research? research magazine

Magazine को हिन्‍दी में पत्रिका कहते हैं।

दैनिक समाचार पत्र भी कुछ पन्‍नों की सप्‍ताहि‍क पत्रिका अखबार के साथ पाठकों को अखबार के साथ फ्री में प्रदान करते हैं।

What are the types of magazines?

Magazine का प्रयोग रिसर्च में कई प्रकार से होता है। मैगजीन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार का होता है। इसका प्रकाशन एक नियमित समय अंतराल पर होते रहता है। कुछ साप्ताहिक होते हैं। कुछ मासिक होते हैं। कुछ अर्धमासिक होते हैं। कुछ अर्धवार्षिक होते हैं तो कुछ है वार्षिक भी होते हैं।

अधिकांश मैगजीन साप्ताहिक और सप्‍ताहिक एवं मासिक होते हैं।

What type of source are magazines?

रिसर्च में इनका प्रयोग प्राथमिक स्रोत या प्रायमरी सोर्स की तरह नहीं होता है। क्योंकि इनका मुख्य विषय सामान्य आर्टिकल, कहानी, इंटरव्यू या किसी समसमायिक टॉपिक होता है।

हर फील्ड में Magazine प्रकाशन होता है। चाहे साइंस का फील्ड हो। एजुकेशन का फील्ड हो। फूड इंडस्ट्री हो। सपोर्ट हो, फैशन हो। मनोरंजन हो।

What is the role of the magazine?

Magazine पढ़ने से पता चलता है कि वर्तमान में कौन-कौन से विषय चर्चा में हैं। अपने विषय से संबंधित मैगजीन अगर रिसर्चर पढ़ता है तो उसे अपने विषय में होने वाली हर गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होती है। कोई नया पुस्तक छपा तो उसकी भी जानकारी प्राप्त होती है। इसमें न सिर्फ प्रादेशिक विषयों को छापा जाता है बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विषयों को भी छापा जाता है। एक रिसर्चर जो अपने विषय से संबंधित हमेशा मैगजीन पढ़ता है, वह अपने विषय के बारे में अपडेट रहता है।

Use Magazines in the Academic

Magazine पढ़ने से हमें अपने टॉपिक पर व्यापक स्तर से सोचने में मदद मिलता है। एक ही विषय के विभिन्न परिप्रेक्ष्य में देखने की क्षमता का विकास होता है।

किसी विषय के प्रायमरी सोर्स का गहन अध्ययन करने से पहले एक रिसर्चर को चाहिए कि वह अपने विषय से संबंधित Magazine का अध्ययन अवश्‍य करें। वर्तमान समय में प्रासंगिक विषयों का सामान्य जानकारी सबसे पहले हासिल करने का यह बहुत ही सफल माध्‍यम है।

टॉपिक चयन में Magazine रिसर्चर के लिए बहुत सहायक है। अपने विषय का Magazine पढ़ने से प्रासंगिक सभी पहलुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होता है। अपने रुचि के अनुसार विषय का चयन करने में सहायता मिलता है। निणर्य लेने में बहुत मदद मिलता है।

Why are magazines important in research?

विषय का चयन करने के साथ अपने रिसर्च के लिए शोध प्रश्न यानी रिसर्च क्वेश्चन का भी एक सामान्य अनुमान Magazine के माध्यम से लगा सकता है। ये पत्रिकायें समसामयिक विषयों को अधिक महत्व देते हैं। उन्हें ही छापते हैं। यह एक रिसर्चर के लिए पसंद की विषयों को जानने का सबसे अच्छा माध्यम है।

Can magazine be used for research paper?

विद्वानों के इंटरव्यू, नई पुस्तकों का बुक रिव्यू इत्यादि हमेशा छपते रहता है। इससे एक रिसर्चर के लिए रिसर्च यात्रा आरंभ करना आसान हो जाता है।

ये उन्‍हीं विषयों को छापते हैं जो वर्तमान में चर्चा में हैं। जिसे लोग उसे पसंद कर रहे हैं। हमें वर्तमान समय में लोगों के पसंद और उनके पसंद का विषय का भी ज्ञान हो जाता है।

इनका चयन करते समय हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। क्योंकि एक ही विषय पर हजारों हजार Magazine विभिन्न भाषाओं में छपते हैं। चयन करते समय गुणवत्ता, छापने वाले लेख की डाटा की विश्वसनीयता, उसके लेखक का बौद्धिक क्षमता एवं कौशल क्षमता इत्यादि का भी ध्यान रखना चाहिए।

कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। मैगजीन में छपने वाले विषयों का प्रायमरी सोर्स क्या है। जिस आर्टिकल को मैगजीन में जगह दिया गया है, जो डाटा दिया गया है। वह कहां से कलेक्ट किया गया? किस प्रकार से कलेक्ट किया गया है? कौन कलेक्ट किया है? इत्यादि बातों को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए।

ये प्राथमिक स्रोत नहीं होते हैं। इसलिए आम तौर इनका प्रयोग रिसर्च में नहीं होता है। अगर आवश्‍यता पडी तो इनका प्रयोग द्वितीय स्रोत के रूप में होता है। अगर कोई magazine संबंधित ही रिसर्च कर रहा है तो उसके लिए ये प्राथमिक स्रोत हो सकते हैं।

Magazine निष्पक्ष है या किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित है। इस बात की भी एक बार पड़ताल जरूर करनी चाहिए। क्योंकि निष्पक्षता रिसर्च की जान होती है। एक निष्पक्ष रिसर्चर ही गुणवत्तापूर्ण रिसर्च कर सकता है।

अगर आप एक गंभीर रिसर्चर हैं तो अपने विषय से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मैगजीन की जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए।

Research Magazine

रिसर्च Magazine भी का एक प्रकार का Magazine होता है। यह सभी क्षेत्रों में छपता है। जैसे स्पोर्ट के क्षेत्र में भी रिसर्च Magazine छपता है, मनोरंजन के क्षेत्र में भी। रिसर्चर को अपने विषय से संबंधित रिसर्च मैगजीन की एक सूची अवश्य तैयार करनी चाहिए। उसे निरंतर पढ़ते रहना चाहिए। इससे नए विषय की जानकारी के साथ-साथ रिसर्च के नए नए विचार भी आते हैं।

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