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1. सीखने की ललक।। Do Develop a Passion for Learning
रिसर्च के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो निरंतर सीखने की ललक आप में होनी चाहिए। जिस विषय या जिस टॉपिक पर आप रिसर्च करना चाहते हैं, उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल करने की ललक होनी चाहिए। ज्ञान की भूख ही आपको मोटिवेशन देता है। अधिक से अधिक सीखने के लिए, रिसर्च जर्नी पर लंबी दूरी तय करने के लिए सीखने की एक भूख होनी चाहिए। तभी आप रिसर्च में अधिक दिनों तक टिक सकते हैं। कुछ नया खोज सकते हैं।
2. कई क्षेत्रों का ज्ञान रखें।। Do Explore Diverse Areas
कोई टॉपिक चुनने से पहले, उस टॉपिक के अधिक से अधिक पहलुओं का जानकारी हासिल करें। उदाहरण के लिए, आपको बौद्ध धर्म में रुचि है। तो बौद्ध धर्म के अधकि से अधिक पहलुओं का अध्ययन करें। जैसे बौद्ध मनोविज्ञान, बौद्ध समाजशास्त्र, बौद्ध शिक्षा पद्धति, बौद्ध दिनचर्या इत्यादि। जिस टॉपिक का आप रिसर्च के लिए चुन रहे हैं, उस पर अगर अधिक से अधिक जानकारी है। तभी आप अपनी क्षमता संसाधन के अनुसार उस विषय के कई पहलुओं में से एक का चयन कर पायेंगे। चयन किये गये विषय के लिए आवश्यक श्रम एवं जरुरी संसाधन के अनुरूप निर्णय ले सकते हैं। विभिन्न क्षेत्रों का ज्ञान आपको इनफॉर्म्ड डिसीजन लेने में मदद करता है।
3. तार्किक चिंतन क्षमता का विकास।। Do Enhance Your Critical Thinking Skills
अपने चिंतन क्षमता के विकास पर निरंतर कम करें। आपकी चिंतन क्षमता जितनी तेज होगी, किसी चीज को देखने का नजरिया जितना विस्तृत होगा, उस विषय से संबंधित आपके विचार उतने ही गंभीर होंगे। और अन्य लोगों से अलग भी होंगे। एक रिसर्च का काम क्या है? डाटा को कलेक्ट करना। अपनी दृष्टि से उसको एनालाइज करना। कलेक्ट डाटा के बीच में क्या कोई पैटर्न है? कोई समानता है? इसका पता लगाने के लिए समस्या के तह में जाकर कारण जाना। समस्या कैसे पैदा हो रही है इस पैटर्न का पता लगाना। और उसका तार्किक और उपयोगी हल देना। इसके लिए प्रखर तार्किक क्षमता की जरूरत होती है।
4. मार्गदर्शन लेते रहें।। Do Seek Mentorship
रिसर्च में आना चाहते हैं तो मार्गदर्शक के चयन पर काम करना शुरु कर दें। विद्वान व्यक्तियों के साथ बातचीत करें। विचारों का आदान-प्रदान करें। आपके सुपरवाइजर जितने अधिक जानकार होंगे। आपको तार्किक क्षमता और रिसर्च स्किल डेवलप करने में उतना आसानी होगी। कम समय में आपका विकास अधिक होगा। अनुभवी रिसर्चर एवं विद्वानों के साथ निरंतर संपर्क में रहने पर आपको नित्य नई-नई बातें, नई सोच, नए तरीके जानने का मौका मिलेगा। इससे और गहराई से सोचने में मदद मिलता है। विद्वान लोगों का संपर्क अन्य विद्वानों से भी होता है। उनका नेटवर्किंग बहुत अधिक होता है। आपको अपना नेटवर्किंग डेवलप करने में मदद मिलेगा।
5. लिखने और बोलने की कला।। Do Develop Effective Communication Skills
रिसर्चर के लिए लिखने की कला और बोलने की कला उसके दो पंख हैं जिससे वह रिसर्च में अपनी उड़ान भरता है। इसीलिए अगर आप रिसर्च में आना चाहते हैं तो रिटेन स्किल यानी लिखने की क्षमता और बोलने की क्षमता दोनों पर कम करें। दोनों का विकास करें। कमियों को दूर करें। आप अपनी सोच को जितना कम से कम शब्दों में कहते हैं और जीतने सफाई के साथ लिख पाएंगे, बोल पाएंगे। प्रेजेंटेशन दे पाएंगे आपकी बात उतना ही अधिक लोगों तक पहुंचेगी। आपके द्वारा कही गई बातों अधिक लोगों के पास जाने से उस पर चर्चा अधिक होगी। और लोगों का इस पर विचार बनेगा। अपनी रिसर्च अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए आपको इन दो कौशल का विकास करना पड़ेगा।
6. कठिन साधना।। Do Embrace a Strong Work Ethic
एक रिसर्चर कुछ घंटे, कुछ दिन या कुछ महीने के लिए रिसर्चर नहीं होता है। वह 24 घंटे और आजीवन रिसर्चर रहता है। एक छोटी सी बात रिसर्च में कितना व्यापक परिवर्तन ला सकता है। इसका कल्पना नहीं की जा सकती है। न्यूटन को सेव के पेड़ के नीचे रिसर्च आइडिया मिला था। उस पर उन्होंने दिन-रात काम किया। रिसर्च दिन-रात सीखने का क्षेत्र है। इसमें डेडीकेशन सबसे महत्वपूर्ण है। नई बातों को सीखने का अगर डेडीकेशन है तभी रिसर्च में आएं। लगातार सीखने की लगन, कठिनाइयों से जूझने की क्षमता और समय पर काम करने का हुनर होना चाहिए। इसके लिए अपने कौशल पर अधिक से अधिक मेहनत करना पड़ता है।
7. जिज्ञासु और खोजी बनें।। Do Stay Curious and Inquisitive
एक जिज्ञासु ही नई बातें जानने का इच्छा रखता है। और एक खोजी व्यक्ति ही नई चीजों का पता लगाने में रुची ले सकता है। ये दोनों एक रिसर्चर का पंख हैं जिसेसे वह रिसर्च की अनंत आकाश में उडान भरता है। अपने विषय के विभन्न पहलुओं के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने की जिज्ञासा रखें। नई नई जीचें खोजने, नई बातों का पता लगाने के आदत का विकास करें। प्रश्न पुछना और उसके उत्तर ढ़ूंढ़ना ही एक रिसर्चर का काम है। ये दोनों ही आदतें आपकों एक सक्सेसफुल रिसर्चर बनाता है।
8. सहयोगी साथी बनाते रहे।। Do Build a Supportive Network
रिसर्च में एक दूसरे का सपोर्ट करना अत्यंत आवश्यक है। आपको एक ऐसा सपोर्टिव नेटवर्क बनाना पड़ेगा जो आपको हमेशा मदद करे। सजेशन दे, फीडबैक दे। इसके लिए आपको रिसर्चर के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान करना पड़ेगा। प्रोफेसर के अलावा अन्य चिंतनशाील साथियों के साथ भी अपने विचारों समस्याओं का आदान-प्रदान करने की आदत का विकास करना पड़ेगा।
9. अपने विषय की अप टू डेट जानकारी रखें।। Do Stay Updated on Research Trends
रिसर्च फील्ड हर दिन हर घंटे हर क्षण बदलते रहता है। नये खोज होते रहते हैं। नई जानकारी आते रहते है। नई-नई थ्योरी बनते हैं। पुराने थ्योरी गलत साबित होते रहते हैं। इसीलिए आपको अपने टॉपिक से संबंधित होने वाले रिसर्च का अप टू डेट जानकारी होना चाहिए। जब आप अपडेट रहेंगे तभी उससे आगे सोच सकेंगे और रिसर्च कर सकेंगे।
10. इच्छा शक्ति का विकास।। Do Develop Resilience
रिसर्च में प्रतिदिन कई समस्याओं का समाधान किया जाता है। और प्रतिदिन नई समस्याएं खड़ी होती हैं। एक रिसर्चर हमेशा समस्याओं से घिरा रहता है। उसका समाधान करने में ही उसका ध्यान लगा रहता है। कुछ समस्याओं का समाधान करने में अधिक समय लगता है। अधिक जानकारी जुटाना पड़ता है। अधिक से अधिक अध्ययन का जरूरत पड़ता है। ऐसी स्थिति में रिसर्चर हिम्मत हारने लगते हैं। तो आपको समस्याओं से जूझने और लड़ने की तीव्र इच्छा शक्ति का विकास करना होगा।
कभी न डिगने वाला हिम्मत और हौसला।
11. नैतिकता का पालन।। Do Pursue Ethical Research Practices
रिसर्च में अगर किसी से मदद ले रहे हैं चाहे किसी भी प्रकार की मदद हो। छोटी से छोटी, बड़ी से बड़ी। मदद देने वाले को क्रेडिट देने की आदत होनी चाहिए। रिसर्च में नैतिकता का अर्थ यह है कि किसी के टिप्स, सजेशन से हमारे रिसर्च में मदद मिल रहा है। तो उस व्यक्ति को क्रेडिट देने की आदत होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर हम एक फोटो का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो दूसरे का है। तो पिक क्रेडिट में उसका नाम देने की आदत का विकास करें। किसी ने फोटो खींचा है, और आप उस फोटो को स्टेटस लगा रहे हैं तो स्टेटस पर उस व्यक्ति का नाम पिक क्रेडिट में जरूर दें। रिसर्च में छोटा से छोटा सहयोग करने वाले व्यक्ति का भी नाम लोगों तक आना चाहिए। यही रिसर्च की नैतिकता है।
अगर आप 11 इन बातों का पालन करते हैं। ऐसी आदतों का विकास करते हैं तब आपको रिसर्च में एक सक्सेसफुल रिसर्चर होने से कोई नहीं रोक सकता है। रिसर्च में ऐसे ही लोग कुछ नया खोज कर पाते हैं और नाम कमा पाते हैं।