ChatGPT का Plagiarism कैसे हटाएं?

अगर आप एक शोध छात्र हैं और ChatGPT के द्वारा लिखे गए लेख में plagiarism हटाने को लेकर परेशान हैं तो यह blog आपके लिए ही है।

आजकल ChatGPT चारों तरफ सुनाई दे रहा है। यह एक नई tool है और हर कोई इसके बारे में जानना चाहता है। Academia में तो इसको लेकर बहुत ही उत्‍सुकता है। इसके प्रयोग की सीमा और प्रभाव को लेकर चर्चाएं चल रही हैं।

ChatGPT की मदद से लिखे गए एक लेख में ChatGPT response से समानता को पुरी तरह से मिटाना संभव नहीं है। कुछ ऐसे शब्‍द (technical terms) प्रत्‍येक शैक्षणिक क्षेत्र में होते हैं जिनका प्रयोग करना आवश्‍यक होता है। आपको इस बात पर बल देना है कि आपके द्वारा लिखा गया लेख या शोध प्रपत्र मौलिक होनी चाहिए या दिखनी चाहिए। किसी भी दृष्टिकोण से नहीं लगना चाहिए कि आप किसी लेख या ग्रंथ से नकल किए हैं।

शिक्षा जगत में जब से ChatGPT आया है तब से plagiarism को लेकर एक नई बहस ही छिड़ गई है। आज भारत के सभी विश्‍वविद्यालय में thesis जमा होने से पहले उसका plagiarism जांच होता है। शोध छात्र ChatGPT की मदद से शोध प्रपत्र (research paper) लिख रहे हैं । इसके चलते plagiarism को लेकर बहुत से सवालों से जुझ रहे हैं। अत: इस विषय की उपयोगिता और गंभीरता को देखते हुए आज मैं ChatGPT से संबंधित plagiarism विषय को लेकर आया हूँ।

Plagiarism कहते हैं? Plagiarism क्‍या है?

यह विषय उतना जटिल नहीं है जितना कि लोग समझते हैं। इसे बहुत आसान भाषा में समझा रहा हूँ। किसी भी स्रोत (source) से कोई विचार (concept)  या शब्‍द (words) या तस्‍वीर (pics) आदि प्रयोग करना और वो भी बिना उस स्रोत का उल्‍लेख किए। तो यह Plagiarism हुआ। अगर आप किसी भी स्रोत से जैसे पुस्‍तक या शोध प्रपत्र या ChatGPT की मदद से कोई research paper या article या पुस्‍तक लिखते हैं परन्‍तु उस विषय को या तस्‍वीर को लिखे जा रहे शोध पेपर में या पुस्‍तक में जहां भी प्रयोग करते हैं वहां स्रोत का भी उल्‍लेख नहीं करते हैं तो यह plagiarism कहलाता है। अगर आप वहां उस स्रोत का उल्‍लेख कर देते हैं तो कोई plagiarism नहीं हुआ। साधारण शब्‍दों में copy करना परन्‍तु जहां से copy किए हैं उस पुस्‍तक, website आदि का उल्‍लेख कर देना कोई plagiarism नहीं हुआ। सिर्फ copy करना और उस स्रोत का उल्‍लेख नहीं करने पर ही plagiarism कहलाता है।  

ChatGPT से कोई सामग्री लिए हैं तो उसे इस प्रकार से पुन: लिखिए और अपना विचार जोडि़ए कि बिल्‍कुल मौलिक (original) जैसा लगे। ChatGPT से idea लीजिए और अपने शब्‍दों और वाक्‍यों में लिखिए।

ChatGPT का Plagiarism हटाने के लिए कुछ सुझाव दे रहा हूँ।

 विषय को समझें

ChatGPT से जो भी लिखित सामग्री प्राप्‍त हुआ है उस सम्‍पूर्ण सामग्री को बहुत अच्‍छे से समझना है। बार बार पढ़ना है जब तक कि पुरी बात समझ न आ जाए। अगर कोई कठीन शब्‍द या concept मिले तो उसके लिए अन्‍य साधन जैसे कि पुस्‍तक, शब्‍दकोश (dictionary) आदि का प्रयोग कर सकते हैं। या ChatGPT से ही पुन: पुछ सकते हैं। ऐसा करने से आपको विषय ठीक-ठीक समझने में आसानी होगी । ठीक से समझने पर ही आप कुछ नया सोच या लिख सकते हैं। आप एक लेख लिखना चाहते हैं तो पहले उस विषय को समझना पड़ेगा । वो भी गहराई से। उसके बाद ही आप उस विषय पर कुछ लिखने के स्थिति में होंगे।

      अत: आप मुख्‍य विचार को समझें उस विचार की विश्‍वसनीयता को बढ़ाने के लिए जो तथ्‍य और तर्क प्रस्‍तुत किए गए हैं उन्‍हें भली-भांती समझें।  

मुख्‍य बिन्‍दू को लिखें

जब आप विषय को सम्‍यक रूप से समझ लें तब मुख्‍य-मुख्‍य बिन्‍दुओं को लिखें। इससे आपको इन मुख्‍य विषयों के बारे में और जानकारी प्राप्‍त करने में मदद मिलेगी। तभी उन विषयों को नए तरी‍के से कैसे प्रस्‍तुत करें इस तरफ भी आप सोच सकेंगे।

      मुख्‍य बिन्‍दुओं को लिखते समय कुछ सावधानियां भी बरतनी होगी। उनके शब्‍दों या उनके वाक्‍यों को हु-ब-हु नकल नहीं कर लेना है। आप इससे बचें। नहीं तो plagiarism check करने पर लिखे गया लेख या शोध प्रपत्र में plagiarism आ जाएगा। आपको उन विचारों को नए-नए शब्‍द और वाक्‍य में लिखना है। ऐसा करते समय यह भी ध्‍यान दें कि भावार्थ में कोई परिवर्तन न आने पाए।

सारांश को अपने शब्‍दों में लिखें

पुरा लेख पढ़ कर सबसे पहले आप उसका सारांश लिख लें। इससे आप उस बात को अपने शब्‍दों में लिख पाने की स्थिति में आ जाएंगे। मौलिक लेख लिए शब्‍द चयन और वाक्‍य रचना करने में कोई परेशानी नहीं होगी। कहां-कहां और कौन-कौन सी नई बातें जोड़नी है इस बात का भरपुर समझ हो जाएगा। इससे आपका लेख और भी मौलिक (original) हो जाएगा।

वाक्‍य रचना और शब्‍द चयन पर विशेष ध्‍यान दें

जब आप लेख की विचारों को अपनी शब्‍दों में पिरो रहे होते हैं, उस समय शब्‍द चयन के साथ-साथ वाक्‍य रचना पर विशेष ध्‍यान दें। शब्‍द और वाक्‍य ही विचारों को सही और प्रभावी तरीके से प्रस्‍तुत करते हैं। अत: इनकी चयन और रचना पर भी ध्‍यान दें। वाक्‍य छोटे-छाटे हों। प्रत्येक वाक्‍य अर्थयुक्‍त हो। किसी भी बात की पुनरावृत्ति न हो। इन बातों का पुरा ख्‍याल रखें।

संदर्भ ग्रन्‍थों का उल्‍लेख अवश्‍य करें

आप लेख लिखने में जितने भी पुस्‍तक , research journals, website आदि का प्रयोग करते हैं या सहारा लेते हैं, उन सभी को अवश्‍य ही संदर्भ ग्रन्‍थ सूची (reference list) में उल्‍लेखित करें। इसके साथ साथ आप लेख में भी संक्षिप्‍त में (रचनाकार का नाम, दिनांक व पृष्‍ठ संख्‍या) उल्‍लखित करें जहां विषय का जिक्र किया गया हो। ऐसा करने से आपके लेख की विश्‍वसनीयता (authensity) बढ़ेगी। पाठक गंभीरता से पढ़ेगे और शैक्षणिक जगत में प्रयोग करेंगे।

ध्‍यान दें: कोई भी ऐसे पुस्‍तक या स्रोत का उल्‍लेख संदर्भ ग्रन्‍थ सूची में न करें जिनका आप सहायता ही नहीं लिया हो या शोध प्रपत्र या लेख में उल्‍लेख नहीं किया हो।

व्‍यक्तिगत विचार भी जोड़ें

ध्‍यान रहे कि एक लेखक या शोधार्थी का मूल कर्तव्‍य है कुछ मौलिक रचना करना। शिक्षा जगत में मौलिक योगदान देना। ज्ञात ज्ञान सागर में एक बुंद ही सही नया ड़ालना। अपने लेख में एक उदाहरण ही जोडि़ए जो मौलिक हो। जो आपका अपना सोच को प्रस्‍तुत करे। अपने लेख में कुछ मौलिक विचार भी प्रस्‍तुत करने होंगे। तथ्‍यों और तर्कों की प्रस्‍तुतीकरण को एक नया आयाम देना होगा। एक नई नजरिया देना होगा।

      Plagiarism हटाने का यह अर्थ कदापि नहीं हुआ कि आप कुछ ऐसे शब्‍द या रचना की जादुगरी करें जिससे आपका लेख या रचना बिल्‍कुल नई दिखे या पुराना लेख का कोई भी अंश कहीं पर भी दिखाई ही न दे। हो सकता है कि कोई व्‍यक्ति या software आपकी इस चालाकी को नहीं पकड़ पाए। परन्‍तु यह होगा plagiarism ही।

      अत: आप कुछ नया देना के लिए शुद्ध नियत से एक कदम उठाने का कोशिश अवश्‍य करें

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